शेयरों का अत्यधिक विभाजन कंपनी को बड़ा दिखा सकता है, जिससे तरक्की रुक सकती है। गलत समय पर विभाजन से बिकवाली बढ़ सकती है। कंपनियों को विभाजन का फैसला सोच-समझकर लेना चाहिए।
शेयरों का अत्यधिक विभाजन (स्टॉक स्प्लिट) कंपनियों और उनके शेयरधारकों के लिए नकारात्मक हो सकता है।
- बहुत अधिक विभाजन (3-for-1 या 5-for-1) से शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे कंपनी असल से बड़ी लग सकती है। इससे कंपनी की गतिशीलता और विकास के अवसर कम हो सकते हैं।
- विभाजन का समय भी महत्वपूर्ण है। बुल मार्केट के अंत या बेयर मार्केट की शुरुआत में विभाजन जोखिम भरा हो सकता है। भले ही विभाजन से नए निवेशक आकर्षित हों, इससे बिकवाली भी बढ़ सकती है, खासकर अगर यह कम समय में दूसरा विभाजन है।
- अत्यधिक विभाजन से उत्साह तो आता है लेकिन अनुभवी निवेशक इसका फायदा उठाकर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। बड़े शेयरधारक भी विभाजन के बाद बेचने की बजाय विभाजन से पहले बेचना ज्यादा सुविधाजनक समझ सकते हैं, जिससे बिकवाली और बढ़ सकती है।
- कई बार पहले विभाजन के बाद शेयर की कीमत में गिरावट आती है, फिर बढ़त हो सकती है। लेकिन कंपनियों को विभाजन के फैसले को सोच समझकर लेना चाहिए क्योंकि इतिहास बताता है कि दूसरी या तीसरी बार विभाजन के आसपास शेयरों की कीमतें शीर्ष पर पहुंच जाती हैं।