चुनावी बॉन्ड के माध्यम से भारी चंदा
भारतीय राजनीतिक दलों को फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से ₹1,368 करोड़ का चंदा दिया है। यह जानकारी भारतीय चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर साझा की है, जिससे राजनीतिक वित्तपोषण में कॉर्पोरेट संस्थाओं के प्रभाव की महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
1991 में स्थापित, फ्यूचर गेमिंग कंपनी ने लॉटरी उद्योग में अपनी पहचान बनाई है। हालांकि, इस कंपनी पर लॉटरी की आय के अवैध उपयोग और मनी लॉन्डरिंग के आरोप लगे हैं।
सांतियागो मार्टिन ने म्यांमार में एक मजदूर से भारत में लॉटरी टाइकून बनने तक का सफर तय किया है। उनके व्यापारिक हित निर्माण, रियल एस्टेट, वस्त्र और आतिथ्य उद्योगों में फैले हुए हैं।
फ्यूचर गेमिंग के राजनीतिक दलों को बड़े चंदे देने की खबर से पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दे उठते हैं। चुनावी बॉन्ड दाताओं को गुमनामी प्रदान करते हैं, जिससे राजनीतिक निर्णयों और नीतियों पर कॉर्पोरेट हितों के प्रभाव के बारे में सवाल उठते हैं।
मेघा इंजीनियरिंग का भी बड़ा योगदान
मेघा इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने भी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से ₹966 करोड़ का चंदा दिया है।
फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ आरोपों की जांच से चुनावी फंडिंग के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े नियमों और निगरानी तंत्र की आवश्यकता पर बल दिया गया है। आगामी चुनावों के लिए तैयारी करते हुए, शीर्ष दाताओं के खुलासे से राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता और जवाबदेही की महत्वपूर्णता पर प्रकाश डाला गया है।